बसंत की बहार कम ना हो मांँ सरस्वती की आराधना में आंँसू ना हो।
अपनी सांसों को मांँ सरस्वती की वंदना को समर्पित एक दिन ताई ने रोका बसंत की बहार तो फिर भी मुरझा गई।
आपकी आवाज ही सदा पहचान रहेगी।
तेरी बिना जिंदगी से सदा शिकवा रहेगी माँ।
जिंदगी प्यार का गीत सदा रहेगी,
फूल ना सही कांटों से भी काम चलाती रहेगी।
जीवन में आपकी हर सिख आगे बढ़ने की प्रेरणा देती रहेंगी।
प्यार की हर बात याद रहेगी।
रहें या ना रहे आप सदा महकती रहेगी।😢😓
जिंदगी प्यार का नगमा ही सही।
काश यूँ हीं सारी उमर,युहीं आप सदा रहती साथ हमारे।
जिंदगी की कभी ना टूटती यह लड़ी,
तुझसे नाराज़ कैसे जिंदगी हो गई।
माँ तुम को हम से कोई चुरा ना पाएगा।
आप जहाँ भी रहे आपका सारा साथ रहेगा।
लिखने वाले ने एक इतिहास लिख दिया आपके नाम ताई।
जीवन की दास्तां भी अजीब है कहाँ शुरू हुई कहाँ खत्म करदी।
आने वाली पीढ़ियाँ आपके आशीर्वाद से अछुती रह गई।
तूम से मिलकर हर जनम का नाता बन गया।
काश जीवन के ये कांटों भरे पल को अपना आंचल फिर खिंच लाती आप।
एक दशक पिढी की उमर भी आप पर शुरू आप पर खत्म हुई।
जीवन की झुठी सच्चाई पर रोएं,मौत की सच्चाई को झुठलाने पर रोएं।
दिल फिर से पुकारे आजा आजा।
आप सदा, चंदा है तू सूरज है तू रहोगी।
आपकी ज्योति का ये कलश सदा चमकता रहेगा।
आखरी दर्शन आपके आंँखों में सदा रहेगा,
शायद फिर इस जनम में मुलाकात हो ना हो ।
आपका(तेरा) हमारा (मेरा) साथ सदा अमर रहेगा।
ये यारा सिलीसिली (आपके)विरह की ये रात ये युग सदा जलता रहेगा।
शिशा हो दिल हो या जिंदगी हो आखिर टूट जाता है छूट जाता है।
जाने क्यूँ ईश्वर आप जैसी विभूति(मोहब्बत) देकर वापस ले लेता ।
आपका और जाना जैसे दो पल रुका ख्वाबों का कारवां रहा।
जाने क्या बात है जो आप यूँ रूठ कर चली गई।
पर यह भी एक अमिट सच्चाई है जीवन की,
उस मोड़ पे जातें हैं कुछ सुक्स्त कदम चल के।
आपका आना एक शमा था शमा था वो प्यार का।
कभी खुशी कभी ग़म आपके साथ भी सदा रहा।
आपके साथ में कहाँ आ गए थे हम।
अब साहित्य जगत तेरे बिना तेरा बिना लागे ना।सदा दोहराता रहेगा।
ये गलियां ये चौबारा ये धरती यहाँ आना दोबारा सदा गाती रहेगी
मैं मैं चली गाते हुए आप चली गई ताई।
लुका छुपी करते आप हमें छोड़ कर चली गई।😢😓
आपके आंचल से कई गुना सौगात आपने दी।
इस युग की आप ही मंदिर और पूजनीय रहेगी।
रंगीला सा संगीत गीत और आवाज आपकी।
आपकी याद सदा रहेगी आपके लौटने की प्रतीक्षा सदा रहेगी।
दिखाई दिए यह बेखुदी रात (याद) जो आपको हमसे जुदा कर गए।
सलाम ए इश्क को आपकी जुबान से मिला।
शिव की आराधना सत्यम शिवम सुंदरम आपने दिया।
जीवन की सच्चाई यह सच है पिया आप हमें आज बता गई।
पर बिती पीढीयाँ आने वाली पीढ़ियाँ आपको कभी भूलना ना पाएंगी।
हे ईश्वर या अल्लाह ये पुकार सुन ले,लता जैसी स्वर कोकिला हमें फिर लौटा दे।
आएगा आएगा आएगा आने वाला।
आ लौट के आजा मेरे मीत आप पुनः इस धरती पर लौट आए।
काश पंख होते तो उड़ आती आपके पास।
ऐ मालिक तेरे बंदे हम सब।
ये तेरे वतन के लोग सदा याद करते रहेंगे।
ऐसा देश में तेरा सदा रहेगा।
मांँ सरस्वती विसर्जन दिवस पर स्वरों की रानी स्वर कोकिला लता ताई की विदाई कभी न भर पाने वाला एक खालीपन सदा रहेगा।
अश्रुपूर्ण श्रृद्धांजलि अर्पित,
-Swati Solanki Shahiba