Izhar e ishq kiya he abhi, khoyi muskurahat yaad karne do
Aaghaj e ishq hua he abhi, thoda to unka jiqr karne do
Tauba karenge sukun se sohil, abhi gunah to mukammal karne do
इज़हार ए इश्क़ किया हे अभी, खोयी मुस्कराहट याद करने दो।
आग़ाज़ ए इश्क़ हुआ हे अभी, थोड़ा तो उनका ज़िक्र करने दो।
तौबा करेंगे सुकून से सोहिल, अभी गुनाह तो मुक़म्मल करने दो
-M. Sohil shaikh