विज्ञान और मोहब्बत
किसी प्रयोगशाला में नहीं
समाज के सामने अक्सर
कभी अपनों के बीच
कभी अपनों से दूर
साबित करनी पड़ी है
मोहब्बत विज्ञान सी लगती है।।
किसी ने खुद पे आजमाया
किसी ने प्रयोग किसी पे किया
कभी सफल रहा परीक्षण
तो कभी फिर दोहराया गया
तो कभी विफल ही हुई है
मोहब्बत विज्ञान सी लगती है।।
दिलों में कम, मापडंडों में ही रही
मोहब्बत हमेशा प्रयोगों में ही रही
हर दिन नयी खोज सी लगती है
मोहब्बत विज्ञान सी लगती है।।
(Instagram/itsme_stb)
©सतेंदर तिवारी (ब्रोकेन्वोर्डस)