इन लबो को देखो,लगता है शहद मे डुबे हो।
इस चेहरे को देखो,लगता है दुध से धुला हो।
चश्मे के पीछे छीपी निगाहें देखो,
काली लंबी मानो हीरानी की हो।
इन निगाह मे जांक कर देखो,
मानो किसी सहजादे के इंतजार मे हो।
कतार लगती होगी,जब ये गली से गुजरती हो।
दिवानोकी धडकने थमती होगी,
जब इसकी चुनर लहराती हो।
-Viraj GOHEL