दिल तो टूटते रहते हैं,
अरमान बिखरते रहते है,
सजाए तारे गिरते रहते है,
बिन मौसम सावन पिघलते रहते है,
मुश्किल नहीं है जादा,इन सबसे निकल जाना,
बस होंठो पे, मुस्कान सजाके रखना।
बात संभल जाएगी,
रात गुजार जाएगी,
आने वाली है वह,
फुरसत में आ जाएगी,
आज यह वक्त है,कल वक्त को है बदल जाना।,
बस होंठो पे मुस्कान सजा के रखना।
-Supriya