# कविता ..
# विषय .दो हजार बीस की देन ..
दो हजार बीस से ,हमें क्या मिला ।
भयंकर कोरोना ,का अभिशाप मिला ।।
बाजार में मंदी ,का दौर सबको मिला ।
नौकरीयों से ,हाथ धोना भी पडा ।।
सरकार की ओर से ,आश्वासन का दौर मिला ।
धर में रह कर खिड़की ,दरवाजो से झांकने मिला ।।
लोकडाउन का विकट ,त्रास सब को मिला ।
प्रकृति को छेडने ,का हमें फल मिला ।।
स्वच्छता का हमें ,अनुपम बोध मिला ।
प्रकृति से जुदाई ,अपनो से अलग रहने का दर्द मिला ।।
बेबसी लाचारी का ,सबको मंजर मिला ।
गरीबो की रोटी छिनने ,का असीम दर्द मिला ।।
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