देता हो आपका दिल गवाही जिस इंसान के सच्चे होने में,
कभी गलत वो हो ही नहीं सकता; कहा जाता है ऐसा इस जमाने में।
फिर कैसे सुने हम गैरों की बातें जो कहते हैं हमें विश्वास करने नहीं तुमपर?
कैसे करें ऐतबार उनपर जब हमें ख़ुद से भी ज्यादा
यकीं है तुमपर!
रहेगा ये हमारा ऐतबार आख़िरी साँस तक बरकरार
कि इस बात का भी ऐतबार है हमें हमारे दिलपर ।
-𝚂𝚊𝚔𝚜𝚑𝚒 𝙹𝚑𝚊