सहज माटी सहज बाटी, दोनों का ये झगड़ा,
इक बोली में सबसे ऊंची, दुजी का हर्जाना।
बड़ बोली बाटी ने खेला ऐसा खेल सयाना,
माटी मानी सबसे ऊंची, दिया ना सबको दाना।
दाना दाना करते बेचा जगने सबकुछ पाना,
बाटी खातर माटी बिक गई समय का चक्कर घुमाना।
सहज माटी सहज बाटी दोनों का ये झगड़ा,
इक बिना दूजी नहीं पर दोनों का रंग निराला।