# विषय .आंसूओं की कहानी ,पलकों की जुबानी ।
# विधा .कविता ***
नैनो की महफिल सजाती ,है पलकें ।
पलको की ओट से ,सब कुछ कहती आँखें ।।
आँखों की खुबसूरती ,का राज है पलकें ।
आँखों की पहरेदार ,होती है पलकें ।।
पलकों के पीछे से ,दिल की बातें फरमाई जाती ।
नैनो ने महफिल ,सजाई है तुम जरुर आना ।।
कजरारी आँखो को ,महकाती है पलके ।
भय के समय ढाल ,बन जाती है पलकें ।।
थोडा दर्द होने पर ,आँखो से आंसू छलकाती है पलकें ।
थोडी खुशी होने ,पर आँखो को चहकाती है पलकें ।।
आँखो की सुदंरता को ,चार चाँद लगाती है पलकें ।
पलकों बिना सुशोभित नही ,हो सकती है आँखें ।।
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