Hindi Quote in Poem by અધિવક્તા.જીતેન્દ્ર જોષી Adv. Jitendra Joshi

Poem quotes are very popular on BitesApp with millions of authors writing small inspirational quotes in Hindi daily and inspiring the readers, you can start writing today and fulfill your life of becoming the quotes writer or poem writer.

एक नन्हा मेमना

और उसकी माँ बकरी,

जा रहे थे जंगल में

……राह थी संकरी।

अचानक सामने से आ गया एक शेर,

लेकिन अब तो

हो चुकी थी बहुत देर।

भागने का नहीं था कोई भी रास्ता,

बकरी और मेमने की हालत खस्ता।

उधर शेर के कदम धरती नापें,

इधर ये दोनों थर-थर कापें।

अब तो शेर आ गया एकदम सामने,

बकरी लगी जैसे-जैसे

बच्चे को थामने।

छिटककर बोला बकरी का बच्चा-

शेर अंकल!

क्या तुम हमें खा जाओगे

एकदम कच्चा?

शेर मुस्कुराया,

उसने अपना भारी पंजा

मेमने के सिर पर फिराया।

बोला-

हे बकरी – कुल गौरव,

आयुष्मान भव!

दीर्घायु भव!

चिरायु भव!

कर कलरव!

हो उत्सव!

साबुत रहें तेरे सब अवयव।

आशीष देता ये पशु-पुंगव-शेर,

कि अब नहीं होगा कोई अंधेरा

उछलो, कूदो, नाचो

और जियो हँसते-हँसते

अच्छा बकरी मैया नमस्ते!

इतना कहकर शेर कर गया प्रस्थान,

बकरी हैरान-

बेटा ताज्जुब है,

भला ये शेर किसी पर

रहम खानेवाला है,

लगता है जंगल में

चुनाव आनेवाला है।

-अशोक चक्रधर

Hindi Poem by અધિવક્તા.જીતેન્દ્ર જોષી Adv. Jitendra Joshi : 111607132
New bites

The best sellers write on Matrubharti, do you?

Start Writing Now