कल... सुबह से लेके शाम हो गई,
कोई अंजानी ख़ुशी मिलने वाली थी!
इंतज़ार में गुफ्तगू चांद से हो गई!!
तो बातें कुछ पुरानी याद आ गई...
उन जनाब ज्योतिष का तो पता नहीं!!
पर वो दिलकश यादें दिल को हॅंसा गई!!
और साथ में ये भी समझा गईं...
की...“गर खुश होना चाहते हैं हम!,, तभी खुश हो सकते हैं हम!!"
#ज्योतिष