काँटों के बीच रहकर उसमें कोमलता है,
तोड़ लिए जाने पर भी बिना कष्ट व्यक्त किए वह महकता है।
कभी प्यार की निशानी, तो कभी दोस्ती का प्रतीक बन जाता है,
वह खूबसूरत-सा कुसुम💐🌸🌺 गुलाब🌹 कहलाता है।
कौन कहता है सदा बुरी संगति का असर होता है, यदि खुद का वजूद साफ हो तो कीचड़ में भी 'कमल'🌷 खिल जाता है।
𝓢𝓪𝓴𝓼𝓱𝓲 𝓙𝓱𝓪