ख्वाबों में तो रोज़ हमारे आज भी तुम आते हो,
बातें नहीं होतीं लेकिन सोच में अकसर ही आ जाते हो।
हमसे आज भी लोग तुम्हारा हाल पूछते हैं,
कैसे हो कहाँ हो ये सवाल पूछते हैं।
कैसे कहें सबसे कि नहीं है अब हमें मतलब तुमसे,
कि कोई हमारे इस बात पर विश्वास नहीं करते हैं।
तुम्हारी ख़ुशी जिन दोस्तों के साथ रहने में है
तुम सदा उनके संग खुश रहो।
हम तुम्हारे आनंद में बाधा नहीं बनेंगे,
तुम अपने अहम छोड़ न आगे बढ़ोगे
कुछ इस तरह ही ख्यालों में बातें हो जाती हैं।
चलो, मुलाकात तो हो गई लेकिन भेंट अभी बाँकी है।
सब कुछ तो गया, दोस्ती फिर से होनी बाँकी है,
मेरी दोस्ती वाली कविता के नीचे लिखे तुम्हारे नाम पर अमल करना अभी बाँकी है।
उस तीन- तिगड़े की जोड़ी को फिर से स्थापित करना अभी बाँकी है।