जब से लोगों ने जाना है कि वो टूट चुका है तब से सारा शहर उसको लूट चुका है।
ऐ ख़ुदा तुझको ये सब देखकर अखरता तो होगा जब तेरा वो बच्चा टूट के बिखरता होगा।
उसकी बेचैनी का सबने मज़ाक बना दिया है,जीते जी उसकी जिंदगी को श्मशान बना दिया है।
ऐ ख़ुदा टूटा हुआ वो परिंदा कहां जाएगा आखिर में बस पंख फैलाकर तेरे पास आएगा।
- चंचल सिंह