संसार में संघर्ष और कलह से डरना भी नहीं है और भागना भी नहीं है। भाग के जाओगे भी कहाँ? जहाँ जाओगे संसार पाओगे। अतः श्रीकृष्ण गीता में कहते हैं 'तस्मात्सर्वेषु कालेषु मामनुस्मर युध्य च'। दृढ़ हरि आश्रय में रहकर होश पूर्वक संघर्ष करने से मन-तन मज़बूत होता है।
-सप्रेम हरिस्मरण