सुंदरता मनमें होती है
लोग चहेरोमें ढ़ूढ़ते हैं
सुंदरता विचारोंमें होती हैं
लोग रहन सहनमें ढ़ूढ़ते हैं
सुंदरता सहज होती है
लोग दिखावेमें ढ़ूढ़ते हैं
सुंदरता कार्यमें होती है
लोग नज़रियेमें ढ़ूढ़ते हैं
सुंदरता प्रेम होती है
लोग नफ़रतोंमें ढ़ूढ़ते हैं
सुंदरता भाव होती है
लोग चिज़ोंमें ढ़ूढ़ते हैं
सुंदरता खुलेपनमें होती है
लोग बंधनमें ढ़ूढ़ते हैं
सुंदरता भीतर ही होती है
लोग बेवजह बाहर ढ़ूढ़ते हैं