लापरवाह की हद तो देखो !
जीने का बदला ढंग तो देखो!
कही छूट न जाए अपने संभल जाओ
मास्क ओर दो गज की दूरी रख के जाओ
आवश्यकता जिने की हे घूमने मत जाओ
अभी भी वक्त हे समज के देखो!
लापरवाह की हद तो देखो !
हर रोज मोत का नजारा देखने को मिलता है
इसमे कही अपने न आए डर एसा लगता है
फिरभी हम लापरवाह बनते जाते है
अभी भी वक्त हे समज के देखो!
लापरवाह की हद तो देखो !
#लापरवाह