सोचता हू, कि वो क्या सोचती होगी?
अनाथालय में जो बच्ची पलती होगी
किसकी गोद में सर रख कर सोती होगी?
रात के अंधेरे में वो अकेले रोती होगी
दरवाजे पे खड़ी रहकर किसका इंतजार करती होगी?
शाम ढ़लने के साथ, चेहरे पर उदासी हावी होती होगी
"मैं गलती हू किसी ओर की", वो समझ पाती होगी?
बेकसूर होने के बावजूद, चुप चाप सज़ा काटती होगी
"कोई गोद लेने आया है", सुनकर खुश हो जाती होगी?
सहेली को ले जाते देख, अपनी किस्मत को कोसती होगी
दूसरी सुबह, फिरसे वहीं दरवाजे पे खड़ी राह तकती होगी
आयेंगे फ़रिश्ते, ले जायेंगे घर, यही उम्मीद फिर लगाती होगी
सोचता हू, कि वो क्या सोचती होगी?
अनाथालय में जो बच्ची पलती होगी
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