औरो की खुशियों की नाव बहाई हरदम
पर नाव को दुःख का सागर युही निग़ल गया...

हमने तो हाथों में सिर्फ मोम जलाई थी, और
आसमानी आफ़ताब रोम रोम पिगल गया..!

- परमार रोहिणी " राही "

#आसमानी

Hindi Shayri by Rohiniba Raahi : 111497129
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