मेरा राज दुलारा कहकर, जिनको मैंने पाला ।
लहुलुहान हुआ लाडला, हम सबका रखवाला।।
सिसक रही मां की ममता अपने बेटे को खोकर।
पत्नी भी हतास दुखी हैं, खाकर ऐसी ठोकर।।
राखी के दिन राखी बांधूंगी,मैं तो रास्ता देख रही थी।
एकलौता भाई खोकर बहन भी जोर से चिख रहीं थी।।
हतास दुखी होकर पिता के आंसू भी बह रहे हैं।
मेरा बेटा शेर था ऐसा गर्व से कह रहे हैं।।
बच्चे पिता को चिर निद्रा में सोता देख मां से क्यों रो रही पुछ रहें।
भोले नन्हे बालक की बातों पर सबके ह्रदय रो रहें।।
रक्षा किया आखिरी सांस तक अपने प्राण लुटाकर।।
धन्य हो गये तुम बिर सपुतो भारत मां की लाज बचाकर।
अमर हो गए दुनिया में भारत का मान बढ़ाकर।।
गालवान घाटी की आड़ में,चिन ने अंडरवर्ल्ड डिल मनाया।।
भारत के जांबाजों ने उनको उनकी अवकात दिखाया।।
निहत्थे विर सपुतो ने देश की खातिर जान गंवाया।
इतिहास के पन्नों पर 17 जून 2020 का नाम दर्ज कराया।।
लेकिन भारत के कुछ जयचंदो से,इस देश के लोग शर्मिंदा हैं।
क्योंकि इन बिर जवानों राजनीति में यह करते निंदा है।।
यह खादी की आड़ में जो, कर रहे गोरख धंधे हैं।
इन्हीं लोगों की वजह से देश की हालात बद्तर है।।
मैं भारत के बिर शहिदों को समर्पित कुछ पंक्तियों के माध्यम से उनके परिवार और घर वालों के दुखों को बयां करने की एक छोटी सी कोशिश, विन्रम श्रद्धांजलि, ह्रदय की अनन्त गहराइयों से धन्यवाद आभार प्रकट करने की मन में अभिलाषा से प्रेम पुर्वक निकले मन में बिचार को अपनी टुटी,फुटी भाषा का रूप अपनी समझ से देने की कोशिश किया हूं। अच्छा लगे तो मेरा मनोबल बढ़ाने की कृपा करें। धन्यवाद आभार
जय हिन्द जय भारत वंदेमातरम 💐🇮🇳🙏