आइए रूबरू होते हैं,आज की हालातों से।
दोष किसका है,चंद छोटी मुलाकातों में।।
हर जगह मौजूद है, दुष्कर्म, भ्रष्टाचार यहां।
आइए रूबरू होते हैं,आज की हालातों से।।
खुद करते हैं हम चाहे ,100 गलत काम खुद।
लेकिन दुसरा ना करें,गलत कोई चाहतें हम।।
क्या मिशाल दूं इस तरह, मैं ऐसे मानवता की।।
ऐ दिल, तु खुद, मुझे इतना बता,दोष किसका है।
चंद मुलाकातों में, आइए रुबरु होते हैं, हालातों से।।
मुझे शिकवा नहीं,किसी की बातों से, मेर लफ्ज़ है।
लड़ने को हालातों से, सच्ची बातों से, देश के नातो से।।
आइए रूबरू होते हैं, आज की हालातों से।
धन्यवाद आभार
रनजीत कुमार तिवारी