आज के इस सभ्य समाज में कदाचित लोग सभ्यता ही भूल चुके हैं, इसीलिए एक मूक गर्भवती हथिनी के साथ इतना निर्मम कृत्य करने उनकी आत्मा ने उन्हें धिक्कारा नहीं, शायद यही उनकी सभ्यता का पर्याय है के किसी निर्दोष बेजुबान जीव की हत्या करने में उन्हें किंचित मात्र भी शोक नहीं हुआ और ना ही उन्हें उस अपने मनुष्य होने का बोध रहा। सम्पूर्ण मानव जाति को शर्मसार कर दिया आज इस देश के सबसे शिक्षित कहे जाने वाले समाज ने, सभ्य समाज ने।
निःशब्द
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