Quotes by सुचिता बाजपेई in Bitesapp read free

सुचिता बाजपेई

सुचिता बाजपेई

@vxqtntxn4116.mb


आज के इस सभ्य समाज में कदाचित लोग सभ्यता ही भूल चुके हैं, इसीलिए एक मूक गर्भवती हथिनी के साथ इतना निर्मम कृत्य करने उनकी आत्मा ने उन्हें धिक्कारा नहीं, शायद यही उनकी सभ्यता का पर्याय है के किसी निर्दोष बेजुबान जीव की हत्या करने में उन्हें किंचित मात्र भी शोक नहीं हुआ और ना ही उन्हें उस अपने मनुष्य होने का बोध रहा। सम्पूर्ण मानव जाति को शर्मसार कर दिया आज इस देश के सबसे शिक्षित कहे जाने वाले समाज ने, सभ्य समाज ने।
निःशब्द
#सभ्य

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तुम्हारे स्पर्श की चाह नहीं,
तुम्हें पाने की चाह नहीं,
तुम्हें अपना बनाकर, फिर खोने की चाह नहीं,
तुम्हें अपने बांहों के बंधन में, कैद रखने की चाह नहीं,
चाह नहीं कि मैं तुम्हारे ख्यालों में भी भटकूं,
होकर मौन, तुम्हारे शब्दों की चाह नहीं,
चाह यही कि, तुम्हारे दर्श को,
इक लम्हा इक पल मिल जाए,
होगा यूं जैसे किसी देह - अस्थि को,
पावन गंगाजल मिल जाए…

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शिकार तो हम सब हैं अपने शिकारी मन के
#शिकार

तुम जाड़े की धूप के जैसे मुझको भाते हो,
तुम्हारे बोल ऐसे लगते हैं मानो कोई धुन छेड़ी हो वीना की,
तुम्हारी सांसों की सिहरन एक हलचल जगाती है मुझमें,
तुम्हारे साथ हर पल ही मुझमें नव जीवन के समान होता है,
पर तुम्हारा मुस्कुराना..मेरे दिल को हर बार ही मुझसे दूर कर देता है...

#दिल

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*लोगों को भरपूर सम्मान*
*दीजिये....*
*इसलिए नहीं कि, उनका*
*अधिकार है...*
*बल्कि इसलिए कि, आप*
*में संस्कार है ...!!*
हरे कृष्णा 👣❤
#आदर

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We must design our character like a book. It entertain us, it gives us knowledge, it's teachings remain in our heart lifetime, so we must be like a book when we meet someone we remain in their heart lifetime, when they need us, we must be there to support them to be with them, just like a "book"
We must design our character like a river... mild and unstoppable
we must design our character like a flower...winsome and redolent
"Designing" something is an art but designing our character is the most beautiful and difficult art.
#Design

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दिल की गहराइयों को छू तुम्हारी याद आएगी,
चिता की आग बुझते ही ये दुनिया भूल जाएगी,
लिखने वालों ने लिखा ये दुनिया चार दिन की है,
मगर मेरा तजुर्बा है कहानी पल दो पल की है,
मुकर्रर वक़्त से पहले मौत क्या ख़ाक आएगी,
दिल की गहराइयों को छू तुम्हारी याद आएगी..

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"A day without laughter is a day wasted"
- Charlie Chaplin
#हास्यकर

हीरे मोती जैसी चमकती किताबों का भंडार है,
मुझ गरीब का बस इतना ही संसार है।
#पुस्तक दिवस

वक़्त गुज़र गया… ना जाने दिल पर कैसी अजीब दास्तानें लिखकर.....
अब वो गुज़रा वक़्त कहां से लाऊं वापस,
उन यादों को कैसे भुलाऊं..
वक़्त तो गैर है.. चला गया…
तुम तो अपने हो ठहर जाओ..ठहर जाओ
फ़ुरसत तो इतनी मुझे भी नहीं..के सोंच सकूं तुम्हें,
पर.. करूं क्या... मशरूफ भी तो तुम्हारी यादों में ही हूं
सोंचती हूं कहीं दफ़न कर दूं तुम्हारी यादों को..कहीं दूर खुद से
पर तलाशती हूं तो मेरे दिल से हसीं कोई जगह ही नहीं मिलती,
हवाओं से हैं यादें तुम्हारी, रात- दिन ठहरती ही नहीं
इतना तो मेरा साया भी मेरे साथ नहीं रहता,
जितनी तुम्हारी यादें घर कर चुकी हैं मुझमें.....
लोग ढूंढ़ते हैं अब मुझमें मुझे पर,
मेरी मिलते हो तुम मेरी हर बात में....
आ जाओ… एक रोज़ मिलने मुझसे,
आकर अपनी यादें ले जाओ..और...
मुझे मुझको लौटा जाओ.......

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