बहुत याद आता है मुझको मेरा गांव
वो नीम का दातून या पीपल की छांव
खेतों की हरियाली हो या नदी में नाव
आज भी याद आता है मुझको मेरा गांव
वो सुबह की ठंड हो या हो मनोहर दुपहरी
शितलाई सी शाम हो या रातें गहरी
बच्चों का वो खेल और सर्दी का अलाव
बहुत याद आता है मुझको मेरा गांव
वो त्योहारों की रीत हो या होली के गीत
और बागों में गाती कोयल के मधुर संगीत
लोगों के जीवन का अनूठा ठहराव
कुछ यूं याद आता है मुझको मेरा गांव