"आम" पर बोलना कोई आम बात नही..
स्वाद-सुगंध है बेमिसाल ,तुजमे ऐसी हे कोई खास बात..
गर्मियोमे नजर आया तू ,आकर सबके घर मे छाया तू..
खुशियाँ लाकर तूने खुद को किया इतना महान,की आज फुलो का "राजा" बनी तेरी पहेचान..
बात करु तेरे होने की,तो पथ्थर खाकर मीठा फल देना तेरा स्वभाव है..
तुजसे बनता आमरस-आमपन्ना याद आया है,तेरे संग आकर आचार ने भी अपना नाम कमाया है..
तेरी बात तो निराली है,जब तेरी गुटलि भी मुखवास मे काम आती है..
मन करता है पुरे साल के लिये तुजे लोक करू,और जब तेरी याद आये तब अपने फ्रिज़ के लोकर से तुजे पाऊ..
सबकी अपनी-अपनी बात है,बस तू हमारे लिये खास है..
इसलिये "आम"हमारा आम नही,पर "आम हमारा खास है"।
🙏🙏🙏🙏 yogita Sondagar