क्या उसूल बन गए हैं हमारे क्या धर्म बच गया है ,
कुछ सवाल आते हैं ज़ेहन में जिनका जवाब कोई क्यों नहीं देता ,
क्यों बहु खूबसूरत चाहिए ,
जब मार देते हो बेटी हो गर्भ में ,
जब इज़्ज़त ही लूटनी है उसकी तो क्यों लाते हो कन्या को इस नर्क में ,
वो माँ बने बहु बने सुंदर पत्नी बने ,
पर बेटी क्यों ना बने ,
कटु पूजा जाता है दुर्गा को ,
क्यों सरस्वती की पूजा होती है ,
ढोंग है ये सब बन्द करो ,
तब कहाँ जाता है ये सम्मान जब दुर्गा जैसी कोई कन्या अपनी इज़्ज़त को रोटी है ,
स्त्री सृष्टि है वो पालक है तुम्हारी ,
जिसे मार देते हो न या जला देते हो या लूट लेते हो ,
याद रखो ,
उनमे से कोई तो तुम्हारी भी होगी बेटी ,बहन ,या फिर महतारी।