'दर्द एक नशा है'
गमजदा जिदंगी का है
अपना ही मजा,
गर दर्द न हो जिन्दगी में
पड़ोसी से ले लो उधार।
दर्द एक नशा है
जिसको नही उतार सकती शराब,
कौन कहता है साहब
दर्द है खराब।
दर्द ही हमें परिपक्व बनाते है,
जीवन के उतार -चढ़ाव के लिए
एक चतुर परिचालक बनाते है।
जो रिश्ते दर्द से जुड़ते है,
सदा दिल के करीब होते है,
जब कभी भीगेंगी पलकें तेरी
खुद को तुझपे वार देते है।