Hindi Quote in Poem by Sudhakar Mishra

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छवि मन में उभरती है सदा एक आतताई की
किया संहार सदियों से सताया और रुलाया भी
न कोई नियम और कानून होते बाहुबलियों को
मिटता रहा बलहीन कुचला नाजुक सी कलियों को
ये कैसा नाम कैसा राज अर्थहीन हो गया है अब
है बदला अर्थ जंगल का जंगली हो गए हम सब
कभी थे राम की सेना में बली भट और वनवासी
बढ़ाया मान जंगल का प्रभू श्रीराम अविनाशी
रचा इतिहास बड़भागी हुए उस विकट स्थिति में बदला हुआ है अर्थ जंगली का इस परिस्थिति में






#जंगली

Hindi Poem by Sudhakar Mishra : 111399302
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