हर मुलाक़ात मे ना जाने क्यू
तेरा इंतजार अच्छा लगता है
तलब मिलने की हर वक़्त है
फिर भी तेरा इनकार अच्छा लगता है
मेरी हर हसीं ठिठोली के बाद तेरे
मासूम चेहरे पे गुस्से की झंकार
मुझे अच्छा लगता है
बरसो की घुल मिली मोहब्बत के बाद
तेरा शर्माना अच्छा लगता है
मासूमियत पे गुस्सा और गुस्से के बाद
तेरा वो मुस्कराना अच्छा लगता है
मेरा वो बुलाना और तेरा इनकार
और फिर भी चले आना
मुझे अच्छा लगता है
एक तमन्ना