मचल रही हूं मै,
थोड़ी पिघल रही हूं मै,
ख़्वाब नए बुन रही हूं मै,
शायद फिरसे तेरे,
प्यार में फिसल रही हूं मै..।।
कह रही हूं में,
दूरी थोड़ी सह रही हूं मै,
अरमान दिल में जगा रही हूं मै,
शायद फिरसे तेरे,
प्यार में बह रही ही मै..।।
संभल रही हूं मै,
रुक के चल रही हूं मै,
इश्क़ तेरा पल पल जी रही हूं मै,
शायद फिरसे तेरे,
प्यार में ढल रही हूं मै..।।
बिखर रही हूं मै,
थोड़ी सुधर रही हूं मै,
प्यार के गीत गुनगुना रही हूं मै,
शायद फिरसे तेरे,
प्यार में सवर रही हूं मै..।।
डर रही हूं मै,
खुदसे लड़ रही हूं मै,
बगावत जमानेसे कर रही हूं मै,
शायद फिरसे तेरे,
प्यार को पढ़ रही हूं मै..।।