उसने मुझको भी इस दिल से उतरने ना दिया
साथ रखा मगर क्यों साथ फिर चलने ना दिया
किसी उजाले में जब देखती हूं अपना साया
वो सब कुछ लेके गया साथ।
साया भी साथ तक रहने ना दिया
जब तलक सांस थी सांसों तक ही थम जाती थी
उसने उनको भी मेरे साथ तक रहने ना दिया
जो भी करता था खुद की खुशी की खातिर
हमको हम सा जरा सा भी रहने ना दिया