सुबह से दूर ओर रात के नज़दीक जाता हूँ मैं|
क्यूंकि डरता हूँ मैं गभराता हूँ मैं|
सन्नाटे से प्यार ओर आवाज़ से नफ़रत करता हूँ मैं|
क्यूंकि डरता हूँ मैं गभरता हूँ मैं|
मोड़ से कतराना ओर रास्तो से बड़खाडा होता हूँ मैं|
क्यूंकि चुनता हूँ मैं पसताता हूँ मैं|
चाहत से सिमटता ओर सपनो से भागता हूँ मैं|
क्यूंकि कोसता हूँ मैं टूटता हूँ मैं|
बस देखलिया अजूबे अब आंखे मिचनेका मन हैं|
क्यूंकि थकता हूँ मैं हारता हूँ मैं ●