शगुन का लिफाफा
#KAVYOTASAV -2
ये जो हल्का पर वजन में बेहद भारी होता है शगुन का लिफाफा..
एक पिता के लिये स्नेह और प्रेम का प्रतिरूप है शगुन का लिफाफा..
एक बेटी को उसके मायके आने के लिये दिया एक शुल्क सा है शगुन का लिफाफा..
भर देता है एक पिता अपने प्यार के रूप में नोटों की एक गड्डी से शगुन का लिफाफा...
लेकिन एक बेटी के लिये पिता को दिया गया एक और बोझ है शगुन का लिफाफा...
उसे बेवजह सोचने पर मजबूर करता है शगुन का लिफाफा...
माँ की महीनों से सहेज कर रखी बचत का अंश है शगुन का लिफाफा...
भाई की घिसी हुई चप्पलों की रगड़ है शगुन का लिफाफा...
भाभी के खर्चे में की गई कटौती से भरा जाता है शगुन का लिफाफा...
ससुराल पक्ष के लिये आदर सम्मान का भाव रखता है शगुन का लिफाफा...
बेटी के लिये भारी होकर भी ससुराल के लिये हमेशा हल्का ही है शगुन का लिफाफा...
अपने अंदर कुछ न समेटे हुए भी बहुत से सवाल पीछे छोड़ जाता है शगुन का लिफाफा !!
©नेहाभारद्वाज