शून्य से वो परे है, और ना आदि ना अंत है,
अजन्मे अविनाशी कालोपरी वो महाकाल है।
शव है वो और शक्ति के साथ मिलकर शिव है कहलाए,
यूँ तो महारुद्र है वो मगर भोले भी तो बच्चों जैसे।
तांडव मैं वो रुद्र है तो नृत्य में नटराज है,
ऐसे मेरे महादेव है, ऐसे मेरे महादेव है।।
- Nitaxi