इश्क़ का मर्ज
हमसे क्या उस मर्ज की दवा पुछते हो,
हम तो अभी भी मलहम पर जी रहे है,
हा घाव थोड़े भरे है,
पर अभी भी उसमे टिस कम नहीं हुआ,
अगर नसीहत पुछते हो,
तो इतना बता देते है,
जितना जल्दी हो सके इसका इलाज कर लो,
ज्यादा वक़्त लगाओगे,
तो बस घाव ही पाओगे,
फिर पूरी जिंदगी उस टीस में,
अपना दम घोटते पाओगे।
© Krishnakatyayan 2019