The Download Link has been successfully sent to your Mobile Number. Please Download the App.
Continue log in with
By clicking Log In, you agree to Matrubharti "Terms of Use" and "Privacy Policy"
Verification
Download App
Get a link to download app
ऐ इश्क़ विश्क के चक्कर से हमें बहार निकलना जरूरी है जो टूरिस्ट शहीद हुए हैं पहलगाम में उनके लिए थोड़ा सा आंसू बहाना भी हमें ज़रूरी है ! आखिर में हम सब है तो एक इंसान हीं इसीलिए थोड़ी सी इन्सानियत भी हममें ज़रुरी है ।। नरेन्द्र परमार ✍️🙏😢
मुझे तेरी अनुमति चाहिए अभी तक समझीं नहीं तुम ??? मुझे तुम्हारी मोहब्बत चाहिए ।। नरेन्द्र परमार ✍️
बदलते वक्त ने बहुत कुछ बदल गया पहले तो मैं जवान था अब तो में बुढ़ा हो गया ।। नरेन्द्र परमार ✍️
तेरी आंखो में अभी डुब जाउंगा में फिर भले ही कल,मर जाउंगा में ।। नरेन्द्र परमार " तन्हा "
ऐ मोहब्बत भी अजीब सी होती है जिसे कद्र नहीं होती है मोहब्बत की सच्ची मोहब्बत हमें उसी से होती है ।। नरेन्द्र परमार " तन्हा "
प्यार के बारे में क्या मालूम है आपको ज़रा आप ही हमें बताइए ! हम तो अनपढ़ हैं प्यार के बारे में हम क्या जानेंगे ???? इनसे अच्छा है कि मोहब्बत के बारे में आप ही समझाइए ।। नरेन्द्र परमार " तन्हा "
अब तो हम डरते हैं इश्क़ करने से कहीं झूठे हम बदनाम न हो जाएं ! शादी कहीं किसी और से हों जाएं उसकी ??? कहीं हम हक़ीक़त में गुमनाम न हो जाएं ।। नरेन्द्र परमार " तन्हा "
हिन्दुस्तान के तमाम मुस्लिम भाइयों और बहनों को " रमज़ान ईद " की हार्दिक शुभकामनाएं, आप और आपका सह परिवार आजीवन सही सलामत ख़ुश और स्वस्थ रहें ऐसी में ईश्वर और ख़ुदा से प्रार्थना करता हूं ।। नरेन्द्र परमार ✍️🙏
अपनों पर सितम और गैरों पर भरोसा इसीलिए हालत हुई है ऐसी की कोई नहीं करता है हम पर भरोसा ।। नरेन्द्र परमार ✍️
હ્રદય ધબકે છે મારું તમને જોઈને દિલ તડપે છે મારું તમને જોઈને પણ તમને કંઈ જ ફરક નથી પડતો મને જોઈને...... નરેન્દ્ર પરમાર " તન્હા "
Copyright © 2025, Matrubharti Technologies Pvt. Ltd. All Rights Reserved.
Please enable javascript on your browser