ज़िन्दगी के हर पल में है एक सबक, एक याद, एक एहसास। इस एक पल में जो कुछ भी होता है, वो यूं ही नहीं होता है। उसके पीछे कुछ अच्छा, तो कुछ बुरा छिपा होता है। इसलिए हर पल से कुछ सीखो और उस सबक को दूसरों के साथ शेयर करो। इसी का नाम ज़िन्दगी है।
प्रसन्नता कोई आपको नहीं दे सकता, ना ही बाजार में किसी दुकान पर जाकर पैसे देकर आप खरीद सकते हैं। अगर पैसे से प्रसन्नता मिलती तो दुनिया के सारे अमीर खरीद लेते।
प्रसन्नता जीवन जीने के ढंग से आती है। जिंदगी भले ही खूबसूरत हो लेकिन जीने का अंदाज खूबसूरत ना हो तो जिंदगी को बदसूरत होते देर नहीं लगती। झोंपड़ी में भी कोई आदमी आनन्द से लबालब मिल सकता है और कोठियों में भी दुखी, अशांत, परेशान आदमी मिल जायेगा।
आज से ही सोचने का ढंग बदल लो जिंदगी उत्सव बन जायेगी। स्मरण रखना संसार जुड़ता है त्याग से और बिखरता है स्वार्थ से। त्याग के मार्ग पर चलोगे तो सबका अनुराग बिना माँगे ही मिलेगा और जीवन बाग़ बनता चला जायेगा।