और मैं जीत गया
कांटो का सफर बीत गया
दु:ख संगीत ? गया
द्वेष पर मैं बीत गया
राग पर प्रीत पर मनमीत पर चीत्त गया
और मैं जीत गया
आशा की वो दीप मिली
सांसो का संसर्ग मिला
मोह मोह के धागों में
भूला अंत: गिला
चाह का आदित्य खिला
मैं ? चाहत में स्वविस्मित गया
और मैं जीत गया
मंजील इतनी हसीन है
जैसे मेनका आसीन है
शांत सागर की तरह
नशेमन की तरह बहुत आफरीन है
नाजनीं है कामिनी
कमशिन है
प्यारी सी बातें
नजरो में काबिल
उर्वर जमीन है
मरने की ख्वाहिश
जीवन की रेखा
अान मान सम्मान साजो सामान
बस यहीं अभी हित अहित सब समर्पित , मैं निश्चित ही निश्चिंत सा निर्मित सौभाग्य से अजीत और नवनिर्मित गया
बस अब मैं जीत गया ।