#kavyotasav
यादें
यादें होती है बिना आकार , आकृति की...
मन के एक कोने में रहती बस अंकुरित सी ,
यादें कभी वर्तमान का नही हो सकती कोई पल...
यादें हमेशा एक कल है एक बीता हुआ कल ,
गर लिखीं हो तब भी पढ़ कर याद करनी ही है पड़ती...
न दिखती है न बहती केवल महसूस होती ,
यादें होती है कुछ सुखद सी जो आज भी सुख का एहसास करा जाती..
जब तक संजोये रखो दिलोदिमाग में रहती भूल जाओ तो धुंआ बनकर उड़ती...
यथा स्थिर पुराने सन्दूक सी एक कोने में धूल फांकती फिरती ,
कुछ दुखद सी जो अतीत के आंसू आज भी रुला जाती
मस्तिष्क के एक कोने में धुंधली छायाचित्र सी...
न कुछ कहती न सुनती बस यादें याद बन कर दिल मे उभरती !!
© नेहाभारद्वाज