#kavyotasv
जिम्मेदारियाँ
जीवन का अभिन्न अंग है जिम्मेदारियां
बचपन का चोला उतार
परिपक्व होने का एहसास कराती है जिम्मेदारियां
जीवन के उतार चढ़ाव में एक संयम बनाये रखना सिखाती है जिम्मेदारियां
मितव्ययिता का एहसास कराती है जिम्मेदारियां
होती है जब इनके आकार में वृद्धि
तब
माथे पर शिकन ला देती है जिम्मेदारियां
जवानी में ही बुढापे का एहसास करा देती है जिम्मेदारियां
धीरे धीरे चिंता का रूप ले लेती है ये जिम्मेदारियां
कंधों पर बोझ बनकर उन्हें झुका देती है जिम्मेदारियां
जीवन जीना नही झेलना सिखा देती है जिम्मेदारियां
कभी कभी जीवन समाप्त हो जाये लेकिन अधूरी रह जाती है जिम्मेदारियां !!
©नेहाभारद्वाज