#Kavyotsav
*इश्क का इल्म*
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इन हवाओं के जरिये
जो भेजा था मोहब्बत का पैगाम तूने
राह भर के सारे परिंदों को
इश्क का बुखार लग गया,
पेड़ पौधों की टहनियों को छुआ जो
तेरे पैगाम ऐ इश्क ने,
सूखे मायूस पत्तो पर भी
वसंत का खुमार चढ़ गया,
तेरी झुल्फों से होकर गुजरी थी जो हवाएं,
समुंदर की लहरों को किनारों का गुलाम कर दिया,
महेक उठी मेरी सांसे भी उन हवाओ से,
मैने खुद को तेरी मोहब्बत पे नीलाम कर दिया,
ना ली सांसे तो मर रहा था तड़प के
सांस ली तो तेरी यादों ने तड़पा दिया
मोहब्बत के अल्फाज़ो से दूर दूर का ना था वास्ता खुशनसीब,,
तेरी इन शरारतों ने इल्म इश्क का दे दिया।
✍? *सुनील.एल.पारवाणी*
खुशनसीब