*बहोत अच्छा लगता है*
_कोई अगर गुस्सा हो जाए ना_
*तो उस गुस्से में आंखे बड़ी बड़ी कर के देखें ना वे बहोत अच्छा लगता है*
_जिसका गुस्सा देखने में मजा आए_
*और गुस्से में वे बोले 'क्या है' वो बहोत अच्छा लगता है*
_अगर हम परेशान हो और कोई हमें हसाकर चला जाए ना वो बहोत अच्छा लगता है_
*अगर हम किसिसे नाराज़ हो जाए*
_नाराज़ होने के बाद कोई मनाने वाला हो ना वो बहोत अच्छा लगता है_
*कोई हमें दर्द दे तो*
_अगर कोई दर्द को बाटने वाला मिल जाए ना वे बहोत अच्छा लगता है_
_प्यार से कोई गुस्सा करने वाला होता तो वो बहोत अच्छा लगता है_
_हमारा दर्द कम करने वाला मिले ना वे बहोत अच्छा लगता है_
_ज़िंदगी में कोई समजने वाला मिले तो वो बहोत अच्छा लगता है_
_किसी बात को मनवाने के लिए वो हमसे गुस्सा रहे ना वे बहोत अच्छा लगता है_
*उसकी बातो पर हसे और वो कहे 'बात ही नहीं करनी जाव' वे बहोत अच्छा लगता है*
_हमें दर्द में देखकर खुद दर्द में आजाए ना वे बहोत अच्छा लगता है_
_उसको खोने से हम अकेले हो जाए ऐसा दर होना वेे बहोत अच्छा लगता है_
*ज़िन्दगी में साथ मिले वो नहीं*
*पर ज़िन्दगी भर जिसका साथ मिले ना*
_वे बहोत अच्छा लगता है_
*बहोत अच्छा लगता है*
लेखक धवल रावल
अमरेली
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