अर्निका और युगांश को साथ कैंटीन में आते देख, आसपास बैठे कई स्टूडेंट्स की निगाहें एकदम उन पर टिक गईं। युवराज ने धीरे से अंशुल की ओर झुकते हुए कहा,"देखा? आज अर्निका अकेली नहीं आई… युगांश भी साथ है।"
अंशुल हल्के से मुस्कुराया,
"कुछ तो चल रहा है या शुरू होने वाला है!"
अर्निका ने सबकी नजरें महसूस कीं, लेकिन बेपरवाह सी दिखती हुई सीधा अपनी सीट पर जा बैठी। युगांश ने भी सबको हल्के में 'हाय' कहा और थोड़े झिझकते हुए उनकी टेबल पर बैठ गया।
इनाया ने मुस्कराते हुए छेड़ा,
"तो मिस बुकवॉर्म आज अकेले नहीं आईं? क्या बात है!"
अर्निका ने मुस्कुरा कर जवाब दिया,
"ऐसा कुछ नहीं है… बस रास्ता एक ही था, तो साथ आ गए।"
युगांश ने हँसते हुए कहा,
"और वैसे भी, अब दोस्ती हो ही गई है तो साथ आना तो बनता है।"
अंसुल ने भी मज़ाक में जोड़ा,
"अब देखते हैं ये दोस्ती कहाँ तक जाती है – सिर्फ कैंटीन तक या आगे भी।"
उसी वक्त युगांश की दोस्त भी वहाँ पहुँच गई, और सबका एक-दूसरे से परिचय हुआ। थोड़ी बातचीत के बाद अर्निका ने कहा,
"चलो, पहले केबिन में चलते हैं। फिर कुछ ऑर्डर करते हैं।"
'केबिन' शब्द सुनकर युगांश और उसकी दोस्त थोड़े हैरान हो गए। युगांश ने पूछा,
"तुम्हें केबिन भी मिला है?"
इनाया ने मुस्कुरा कर जवाब दिया,
"हाँ, क्योंकि ये इस साल की टॉपर है! अब ज्यादा सवाल मत करो, चलो हमारे साथ।"
इसके बाद सभी हँसते-बातें करते हुए केबिन की ओर बढ़ गए।
तभी कैंटीन के दरवाज़े पर एक जानी-पहचानी, लेकिन कुछ लोगों के लिए अनचाही एंट्री हुई— साइरा और उसकी गैंग के साथ रिया और उसके कुछ दोस्त भी थे।
जैसे ही साइरा की नजर अर्निका और युगांश पर पड़ी, उसके चेहरे पर जलन और नाराज़गी साफ झलकने लगी। वो तेज़ क़दमों से सीधी उनके टेबल की ओर बढ़ी, उसके पीछे रिया और बाकी लोग भी थे।
पास पहुँचते ही साइरा ने तंज भरे लहजे में कहा,
"तो अर्निका मैडम अब केबिन में बैठने लगी हैं? काफी प्रिविलेज मिल रहा है, क्या बात है!"
अर्निका ने शांत लेकिन आत्मविश्वास से भरी आवाज़ में जवाब दिया,
"ये सब मेहनत की वजह से है, साइरा। और ये तुमसे शायद न हो पाए, क्योंकि तुम मेहनत करने के बजाय दूसरों को गिराने में लगी रहती हो।"
युगांश और बाकी दोस्तों के चेहरे पर मुस्कान आ गई।
साइरा कुछ बोलने ही वाली थी कि तभी प्रोफेसर रंधावा कैंटीन में दाखिल हुए। उन्हें देखते ही सब थोड़ा संभल गए।
उन्होंने चारों ओर नज़र डाली और फिर गंभीर लहजे में बोले,
"ये क्या हो रहा है? कैंटीन में लंच टाइम है या कोई शो चल रहा है?"
सभी एकदम शांत हो गए। प्रोफेसर ने अर्निका और साइरा की तरफ देखा और बोले,
"कॉलेज में मेहनत और टैलेंट की कद्र होती है। किसी की सफलता से जलने के बजाय, खुद कुछ करने की कोशिश कीजिए।"
उनके शब्दों ने माहौल को एक पल में शांत कर दिया
फिर प्रोफेसर रंधावा ने साइरा की ओर देखा और सख्त लहजे में कहा,
"साइरा, अगर दोबारा किसी स्टूडेंट को टारगेट करने की शिकायत मिली, तो अगली बार सीधे प्रिंसिपल के ऑफिस में बुलाया जाएगा। क्लियर?"
साइरा कुछ बोल नहीं सकी। कॉलेज में उसकी हरकतों के बारे में सभी जानते थे, इसलिए वो चुपचाप सिर झुकाकर पीछे हट गई और जाकर एक कोने की टेबल पर बैठ गई।
प्रोफेसर रंधावा ने फिर अर्निका की ओर देखा और मुस्कुरा कर बोले,
"गुड जॉब, मिस टॉपर। अब आराम से अपने दोस्तों के साथ लंच एन्जॉय करो।"
इतना कहकर वो अपने लिए रिज़र्व प्रोफेसर केबिन की ओर बढ़ गए। उनके जाते ही माहौल हल्का और नॉर्मल हो गया।
इनाया ने चुटकी ली,
"अरे अर्निका, अब तो तू फुल ऑन सेलेब्रिटी बन चुकी है!"
अर्निका मुस्कुरा कर बोली,
"ओहो… कुछ नहीं यार! मैं बस एक सिंपल सी लड़की हूं।"
इस पर अंशुल हँसते हुए बोला,
"हाँ हाँ, इतनी सिंपल कि पूरे कॉलेज में तेरे ही चर्चे हैं!"
सब हँसने लगे, लेकिन अर्निका हल्का सा मुंह बनाकर रह गई। फिर सभी ने खाना ऑर्डर किया और बातचीत में मस्त हो गए।
उधर, केबिन के बाहर बैठी साइरा अब भी उन सभी को घूर रही थी। उसकी नज़रों में जलन साफ़ झलक रही थी। ऐसा लग रहा था जैसे नज़रों से ही अर्निका को मिटा दे।
साइरा ने अपनी फ्रेंड्स की तरफ देखा और कहा,
"बहुत उड़ रही है ये टॉपर… अब इसे नीचे लाने का वक्त आ गया है।"
रिया ने धीरे से पूछा,
"क्या करने वाली हो दी?"
साइरा के चेहरे पर एक हल्की मुस्कान आई, जो किसी चाल का संकेत दे रही थी।
"बस देखती जा, रिया," उसने कहा।
तभी उसकी एक दोस्त, नितिन ने गंभीर लहजे में टोका,
"मुझे लगता है तुम कुछ ज़्यादा कर रही हो। अगर इस बार किसी मुसीबत में फंस गई, तो कॉलेज से बाहर भी हो सकती हो। और जहां तक मुझे पता है, अर्निका कोई मामूली लड़की नहीं है।"
साइरा ने भौंहें चढ़ा कर पूछा,
"मतलब क्या है तुम्हारा, नितिन?"
नितिन बोला,
"तुम्हें लगता है कि वो केबिन सिर्फ इसलिए मिला क्योंकि उसने टॉप किया है? तो युगांश और बाकी टॉपर्स को क्यों नहीं मिला? केबिन हर किसी को नहीं मिलता — पिछले साल दर्शित राठौड़ को मिला था, और इस साल अर्निका को। और कॉलेज के डीन और प्रोफेसर्स भी उसे सपोर्ट करते हैं। अभी थोड़ी देर पहले जो तुम्हें वॉर्निंग मिली थी, वो भूल गई क्या?"
साइरा ने गुस्से में कहा,
"तो अब मैं उस दो टके की लड़की से हार मान लूं?"
नितिन शांत लहजे में बोला,
"मैंने ऐसा नहीं कहा। बस कुछ दिनों के लिए शांत रहो। वैसे भी फ्रेशर पार्टी आने वाली है। वहीं तुम्हें अपना मौका मिल सकता है। और फिर… जियाना भी आ रही है। तुम जानती हो, उसे पसंद नहीं कि कोई उससे आगे निकले।"
रिया ने सिर हिलाते हुए कहा,
"हाँ दी, नितिन भाई सही कह रहे हैं।"
थोड़ा सोचने के बाद साइरा बोली,
"ठीक है, देखते हैं…"
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दूसरी तरफ, केबिन के अंदर हंसी-मज़ाक और मस्ती का माहौल था।
युगांश ने चिप्स का पैकेट खोलते हुए पूछा,
"वैसे, मुझे नहीं पता था कि तुम्हें केबिन भी अलॉट किया गया है?"
अर्निका मुस्कुराते हुए बोली,
"मुझे भी हैरानी हुई थी। रिज़ल्ट के बाद जब डीन सर ने बुलाया, तब पता चला। कुछ देर तक खुद भी शॉक में थी।"
इनाया बोली,
"तुम टैलेंटेड हो, तो ये तो होना ही था। तुम्हारे लिए तो ये बहुत अच्छा है!"
अंशुल हँसते हुए बोला,
"और हमारे लिए भी! अब पढ़ाई के साथ-साथ एंटरटेनमेंट का भी ठिकाना मिल गया — ये केबिन!"
सभी खिलखिलाकर हँस पड़े।
तभी युगांश मुस्कुराते हुए बोला,
"और अब तो हमारे पास एक ऑफिशियल 'हैंगआउट स्पॉट' भी है… थैंक्स टू अर्निका मैडम।"
अर्निका ने आँखें घुमाते हुए कहा,
"मैडम-वैडम कुछ नहीं… और हाँ, ये केबिन मेरी है, तो बिना मेरी परमिशन के कोई नहीं आ सकता!"
बिहानी ने तुरंत मजाक में बात काटते हुए कहा,
"ओह हो! अब तो रॉयल हाईनेस वाला मूड ऑन हो गया है! लगता है हमें टाइम स्लॉट बुक करके आना पड़ेगा!"
सब ज़ोर-ज़ोर से हँसने लगे।
अर्निका भी मुस्कुराई और बोली,
"अरे बाबा, मजाक कर रही थी। तुम्हें पता है ना, तुम सबके बिना ये केबिन अधूरा लगता है।"
युगांश ने नकली नाराज़गी दिखाते हुए कहा,
"ओह, तो मैं तो गिनती में भी नहीं आता?"
अर्निका ने मुस्कुरा कर कहा,
"ऐसी बात नहीं है, हम सब अच्छे दोस्त हैं।"
उसी वक्त युगांश का मोबाइल बजने लगा। उसने फोन उठाया और थोड़ी देर बात करने के बाद अर्निका की ओर देखा।
"अर्निका, क्या मैं अपनी बेस्टफ्रेंड को यहां बुला सकता हूं? वो आज बहुत दिनों बाद कॉलेज आया है।"
सबकी निगाहें अर्निका की तरफ घूम गईं, क्योंकि केबिन उसी का था।
थोड़ी देर चुप रहने के बाद, अर्निका ने मुस्कुराते हुए सिर हिला दिया।
युगांश ने स्पीकर से हाथ हटाते हुए फोन में कहा,
"आजाओ भाई, हम केबिन में हैं।"
दूसरी तरफ फोन पर मौजूद लड़का 'केबिन' शब्द सुनते ही थोड़ा ठिठका, लेकिन उसने कुछ नहीं पूछा।
कॉल कटते ही वह कैंटीन की ओर बढ़ गया।
फोन रखते ही युगांश कुछ बोलने ही वाला था कि तभी वेटर ऑर्डर लेकर आ गया और टेबल पर खाना रख दिया।
जैसे ही खाना सामने आया, इनाया के मुँह से पानी टपकने को था।
बिहानी ने सबसे पहले फ्रेंच फ्राइज़ उठाते हुए कहा,
"चलो अब खाना शुरू करें… खाना देखकर तो पेट खुद भूखा चिल्ला रहा है!"
इनाया ने थोड़ी चिंता जताते हुए कहा,
"हाँ, लेकिन युगांश की बेस्टफ्रेंड आने वाली है… पता नहीं उसे ये सब देखकर क्या लगेगा? हमारी क्या इमेज बनेगी?"
अर्निका ने हल्की सी मुस्कान के साथ कहा,
"अब देख ही लेते हैं, कौन है युगांश की ‘खास’ दोस्त।"
युगांश हँसते हुए बोला,
"अरे यार, सिंपल लड़का है… मेरा पुराना दोस्त है। तुम लोगों को पसंद आएगा।"
तभी केबिन के दरवाज़े पर एक हल्की सी दस्तक हुई।
सबकी निगाहें उस ओर गईं। दरवाज़ा धीरे से खुला और अंदर एक लंबा, स्मार्ट लड़का दाखिल हुआ। उसने हल्की मुस्कान के साथ युगांश की तरफ कदम बढ़ाए।
"हे युगांश!" उसने गर्मजोशी से गले लगाते हुए कहा।
"अबे यार! इतनी देर क्यों लगा दी?" युगांश ने हँसते हुए कहा और फिर थोड़े गंभीर होकर पूछा,
"सब ठीक है न?"
लड़का मुस्कुरा कर बोला,
"हाँ यार, सब ठीक है… बस थोड़ा थक गया था।"
वहाँ बैठे सभी उस नए लड़के को देख रहे थे, लेकिन इनाया और अर्निका थोड़े हैरान से थे।
फिर युगांश ने मुस्कुराते हुए सबकी तरफ इशारा करते हुए कहा,
"गाइस, मिलो — ये है दर्शित राठौड़… मेरा बचपन का दोस्त।"
दर्शित ने सबको एक शालीन मुस्कान दी, फिर जैसे ही उसकी नजर इनाया और अर्निका पर पड़ी, वह चौंक गया। उसकी आँखों में पहचान की चमक थी। युगांश ने जब देखा कि दर्शित उन दोनों को यूं घूर रहा है, तो उसने धीरे से उसके कंधे पर हाथ रखते हुए पूछा,
"क्या हुआ? ऐसे देख क्यों रहा है?"
युगांश की हलचल से दर्शित जैसे होश में आया और अर्निका-इनाया की तरफ देखकर बोला,
"तुम दोनों यहां? मतलब… एक ही कॉलेज में? ये तो सरप्राइज़ है!"
उसकी आवाज़ में हैरानी और पुरानी पहचान की झलक थी।
इनाया की आंखें हैरानी से फैल गईं,
"दर्शित! ओ माई गॉड… तुम यहाँ? हमें बिल्कुल नहीं पता था कि तुम भी इसी कॉलेज में हो!"
ये कहते हुए वो थोड़ा खीझी सी लग रही थी।
अर्निका शांत थी, लेकिन उसकी आँखों में भी हल्का सा आश्चर्य था। उसने धीरे से पूछा,
"कैसे हो? और तुम्हारा भाई… सब ठीक है न?"
दर्शित ने मुस्कुराते हुए जवाब दिया,
"हाँ, सब ठीक है। भाई भी अच्छा है। लेकिन तुम दोनों को यहां देखकर… सच में कुछ पल के लिए ठहर सा गया था। सोच भी नहीं सकता था कि इतनी जल्दी मुलाकात होगी।"
तभी इनाया ने थोड़ा तीखे अंदाज़ में कहा,
"क्यों? हम यहां नहीं आ सकते क्या? कॉलेज सिर्फ तुम्हारे लिए है?"
उसकी बात सुनकर अर्निका ने तुरंत उसकी ओर देखा और शांत लहजे में बोली,
"इनाया…"
फिर उसने दर्शित की ओर देखा और बोली,
"तुम उसकी बात का बुरा मत मानना, वो बस यूं ही बोल देती है। दिल की बुरी नहीं है।"
अर्निका की बात सुनकर इनाया मुंह फुला कर बैठ गई।
दर्शित हल्का हँसते हुए बोला,
"कोई बात नहीं… शायद वो उस दिन से नाराज़ है। पर कोई नहीं, मैं अपनी ‘बहन’ को मना लूंगा।"
‘बहन’ शब्द सुनकर युगांश एकदम चौंक गया। उसने आश्चर्य से पूछा,
"रुको रुको… तुम लोग पहले से एक-दूसरे को जानते हो? और… अर्निका, तुम और इनाया बहनें हो?"
अर्निका ने युगांश की तरफ देखकर कहा,
"हां, जानते हैं… लेकिन ज्यादा क्लोज नहीं थे। बस एक बार मिले थे।"
दर्शित ने बात आगे बढ़ाई,
"तुझे याद है, बनारस में जब हम पर हमला हुआ था? तो अर्निका और उनकी बहनों ने ही हमें बचाया था। मेडिकल ट्रीटमेंट भी इन्हीं की वजह से मिला। अगर उस दिन ये नहीं होतीं, तो शायद…"
लेकिन इससे पहले कि वो आगे कुछ कहता, अर्निका ने बात काटते हुए कहा,
"अरे छोड़ो न वो सब पुरानी बातें…"
युगांश भी सहमत होते हुए बोला,
"हाँ यार, अब वो बातें रहने दो।"
फिर उसने बाकी दोस्तों की ओर इशारा करते हुए दर्शित से कहा,
"इनाया और अर्निका से तो तुम मिल चुके हो। ये अंसुल, बिहानी और युवराज हैं – मेरे क्लासमेट्स और बहुत अच्छे दोस्त।"
सबने मुस्कुरा कर दर्शित का स्वागत किया।
फिर सभी धीरे-धीरे बैठने लगे। दर्शित जाकर इनाया के बगल की खाली कुर्सी पर बैठ गया। उसे अपने पास बैठते देख इनाया ने हल्का सा मुंह बनाया, लेकिन कुछ बोली नहीं और खाने में लग गई।
अर्निका ने मुस्कुराते हुए कहा,
"तुम भी हमारे साथ खाओ न।"
युगांश ने भी जोड़ा,
"हाँ यार, अब आ ही गया है तो साथ में खाना खा ले।"
दर्शित ने मुस्कुराकर सिर हिला दिया।
दर्शित भी सबके साथ बैठकर खाना खाने लगा। माहौल फिर से हल्का और मज़ेदार हो गया था।
तभी बिहानी मुस्कुराते हुए बोली,
"वैसे दर्शित, मैंने सुना है कि आप कॉलेज के टॉप स्टूडेंट्स में से एक हो और मोस्ट हैंडसम लड़कों की लिस्ट में भी सबसे ऊपर हो। पहले दिन ही आपके बारे में सुन लिया था, लेकिन आज पहली बार देख रही हूँ। लड़कियाँ तो खूब बातें करती हैं आपके बारे में।"
दर्शित हल्का मुस्कुराया और बोला,
"अरे नहीं, ऐसा कुछ खास नहीं है। सब बढ़ा-चढ़ाकर बोलते हैं।"
इतने में इनाया बीच में बोल पड़ी,
"मोस्ट हैंडसम? किस एंगल से? मुझे तो लगता है कि इस कॉलेज की लड़कियों की आंखों की जांच होनी चाहिए। बंदर जैसे दिखने वालों को भी हैंडसम बोलती हैं।"
इनाया की बात पर सब चौंककर उसकी तरफ देखने लगे। दर्शित ने भी उसकी बात पर हैरानी जताई और कुछ कहने ही वाला था कि इनाया गुस्से से बोली,
"तुम्हारी मुझसे प्रॉब्लम क्या है? मैंने ऐसा क्या कर दिया जो तुम हर बात में मुझसे उलझते हो? मैं चुप रहती हूँ इसका मतलब ये नहीं कि कुछ भी बोल लोगे! और FYI, मैं कोई बंदर जैसी नहीं दिखती, बल्कि 'इंडिया की मोस्ट हैंडसम बैचलर्स' की लिस्ट में भी जगह बना सकती हूँ!"
तभी बिहानी ने बीच-बचाव करते हुए माहौल हल्का करने की कोशिश की और बोली,
"अरे सुनो-सुनो, दर्शित, तुमने ऐसा क्या कर दिया इनाया को कि वो इतनी नाराज़ है?"
दर्शित कंधे उचका कर बोला,
"मैंने तो कुछ नहीं कहा, ना ही कुछ किया। पर पता नहीं क्यों, इन्हें मुझसे कोई खास शिकायत लगती है।"
तभी अर्निका बोली,
"ये ऐसी ही है, छोड़ो ना। सब खाना खाओ, फालतू की बातों में मत पड़ो।"
फिर वो इनाया के पास जाकर उसके कान में धीरे से बोली,
"तुम कुछ ज़्यादा रिएक्ट कर रही हो। उसने तुम्हारे साथ कुछ गलत नहीं किया। उस दिन की सिचुएशन अलग थी। अगर कुछ कह भी दिया हो, तो पुरानी बातों को भूल जाओ।"
अपनी बहन की बात सुन इनाया चुप रही, लेकिन मन ही मन बोली,
"मैं इससे नाराज़ हूं, क्योंकि उसी की वजह से कुकी ने मुझे खूब सुनाया था।"
इसके बाद इनाया शांत होकर खाना खाने लगी, लेकिन उसकी नजरें बार-बार अनजाने में दर्शित की तरफ चली जाती थीं। सभी ने हँसी-मज़ाक करते हुए खाना खत्म किया और कैंटीन से बाहर निकलने लगे।
अर्निका, इनाया और उनके दोस्त जैसे ही जाने लगे, दर्शित ने उन्हें रोक कर पूछा,
"अच्छा सुनो, तुम लोग कौन-से डिपार्टमेंट से हो?"
अर्निका मुस्कुराकर बोली,
"हम medical department से हैं।"
दर्शित थोड़ा चौंकते हुए बोला,
"क्या! तुम डॉक्टर बनने की पढ़ाई कर रही हो?"
अर्निका ने सिर हिलाते हुए जवाब दिया,
"हाँ, MBBS कर रही हूं। और ये सब भी मेरे साथ ही हैं।"
दर्शित मुस्कुरा कर बोला,
"इम्प्रेसिव! मुझे लगा था तुम आर्ट्स या मैनेजमेंट में हो। डॉक्टर बनना अच्छा चॉइस है।"
फिर थोड़ा हँसते हुए अर्निका के पास जाकर बोला,
"लेकिन तुम्हारी बहन डॉक्टर बनेगी तो मरीज़ ठीक होने से पहले डर के बीमार हो जाएंगे, पता नहीं कब मूड ऑफ हो जाए उसका।"
अर्निका ने हँसते हुए कहा,
"ये तो थोड़ा ज़्यादा हो गया।"
दर्शित ने मज़ाक में अपनी उंगली मुंह में डाल ली, जैसे कि वो अपनी बात वापस ले रहा हो।
तभी युगांश हँसते हुए बोला,
"भाई, ये सिर्फ डॉक्टर नहीं है, हमारी कॉलेज की फाइटर क्वीन भी बन चुकी है।"
इनाया ने थोड़ा अजीब नज़रों से युगांश को देखा, जैसे वो कुछ समझ नहीं पाई हो।
युगांश बोला,
"पहले क्लास चलते हैं, बाद में तुझे सब बताता हूँ।"
फिर सबने एक-दूसरे को बाय बोला और अपने-अपने क्लास की तरफ बढ़ गए।
वहीं दूसरी ओर...
राठौड़ इंडस्ट्रीज़ के कॉन्फ्रेंस हॉल के बाहर हर डिपार्टमेंट का हेड मौजूद था। सभी के चेहरों पर साफ़ टेंशन झलक रही थी। सब तय समय से पहले ही वहां पहुंच चुके थे।
कुशल क्रेयांश के केबिन में गया। उसने देखा कि क्रेयांश फाइलों में डूबा हुआ है।
कुशल ने धीरे से कहा,
"सर, मीटिंग का समय हो गया है। सभी लोग आपका इंतज़ार कर रहे हैं।"
क्रेयांश ने नज़र उठाई, फाइल बंद की और बोला,
"ठीक है।"
फिर वो अपनी कुर्सी से उठकर कुशल के साथ कॉन्फ्रेंस रूम की ओर बढ़ गया।
कुछ देर बाद कॉन्फ्रेंस हॉल का दरवाज़ा खुला।
क्रेयांश अंदर दाखिल हुआ।
उसकी नज़र एक-एक चेहरे पर गई। सभी उस गंभीर और पैनी निगाहों से थोड़ा सहम गए और झट से उसे गुड मॉर्निंग विश किया।
क्रेयांश ने बिना मुस्कुराए हल्के से सिर हिलाकर सभी की विश का जवाब दिया और जाकर टेबल के हेड पर बैठ गया।
कमरे में एक पल को सन्नाटा छा गया। सभी को अंदाज़ा हो चुका था कि आज का दिन आसान नहीं होने वाला।
क्रेयांश ने सामने रखी फाइल खोली और शांत लेकिन कड़क आवाज़ में बोला,
"पिछले तीन महीनों की परफॉर्मेंस रिपोर्ट मेरे सामने है... और साफ कहूं तो मैं इससे बिलकुल भी संतुष्ट नहीं हूं।"
सभी हेड्स ने एक-दूसरे की ओर देखा, लेकिन कोई कुछ बोलने की हिम्मत नहीं कर पाया।
क्रेयांश ने अपनी बात जारी रखी,
"हम राठौड़ इंडस्ट्रीज़ हैं... कोई स्टार्टअप या लोकल ब्रांड नहीं। लेकिन हमारी ग्रोथ रेट, क्लाइंट रिटेंशन और इनोवेशन — तीनों में गिरावट आई है।
और अगर आने वाले 15 दिन ऐसे ही रहे... तो हालात और भी खराब हो सकते हैं।"
"यह सिर्फ नंबर नहीं हैं, यह हमारी साख पर असर डाल रहे हैं। और यह मैं बर्दाश्त नहीं करूंगा।"
तभी एक हेड ने थोड़ा संकोच करते हुए एक कदम आगे बढ़ाया और कहा,
"सर, हम सबने पूरी कोशिश की है… लेकिन कुछ बाहरी मार्केट फैक्टर्स भी थे—"
क्रेयांश ने उसकी बात बीच में काट दी,
"मार्केट फैक्टर्स? अगर बाहर बारिश हो रही हो, तो क्या आप बिना छाते के निकलते हैं? नहीं ना? तो फिर तैयारी क्यों नहीं थी?"
उसने तीखी नजरों से पूरे कमरे को देखा और कहा,
"मैंने आप सबको जिम्मेदारी सौंपी थी… अब जवाब भी चाहिए।"
तभी एक और हेड, मिस शालिनी, धीमे स्वर में बोलीं,
"सर, कुछ प्रोजेक्ट्स में टेक्निकल डिले ज़रूर हुआ है, लेकिन हमने उसके लिए रिकवरी प्लान तैयार कर लिया है।"
क्रेयांश ने फाइल बंद की, और कुर्सी से खड़ा होकर बोला,
"मुझे बहाने नहीं, नतीजे चाहिए। आज से हर प्रोजेक्ट की प्रोग्रेस रिपोर्ट हर हफ्ते मेरी टेबल पर होनी चाहिए। और अगर अगली बार भी ग्रोथ गिरती दिखी—तो याद रखिए, मैं टीम नहीं, पूरा सिस्टम बदल दूंगा।"
कमरे में गहरी खामोशी छा गई।
इसके बाद उसने कुशल की ओर देखा और कहा,
"फंडिंग टीम को बुलाओ। उनसे कुछ जरूरी बातें करनी हैं।"
कुशल ने सिर हिलाया और तुरंत बाहर चला गया।
कुछ देर बाद कुशल एक टीम के साथ वापस आया।
क्रेयांश ने दोनों टीम्स के साथ डिटेल में चर्चा शुरू की। काम की प्रगति, रुकावटें और आगे की प्लानिंग पर बात हुई। इस बीच, कुछ सदस्यों को वार्निंग भी मिली, और कुछ को नई जिम्मेदारियां।
उधर कॉलेज में युगांश ने दर्शित को दिनभर कॉलेज में जो कुछ भी हुआ, सब कुछ बता दिया। अर्निका के बारे में सुनकर दर्शित ज्यादा हैरान नहीं हुआ, क्योंकि उसने बनारस में उसकी फाइटिंग पहले ही देखी थी। लेकिन उसने ये नहीं सोचा था कि अर्निका इतनी जल्दी यहां भी अपना नाम बना लेगी।
क्लास खत्म होने के बाद सभी बाहर निकल आए।
अर्निका और उसके दोस्त घर जाने के लिए पार्किंग एरिया की तरफ बढ़े। वहीं पार्किंग में युगांश, दर्शित और उनके दोस्त भी बैठे कुछ प्लान बना रहे थे। तभी दर्शित की नजर अर्निका और बाकी लोगों पर पड़ी।
वो चौंकते हुए युगांश से बोला,
"अबे ये लोग पार्किंग में क्यों आए हैं? लड़के तो ठीक हैं, लेकिन ये तीनों लड़कियाँ... बाइक?"
युगांश कुछ कहता उससे पहले त्रिवान बोला,
"अरे भाई, ये खुद बाइक चला के आती हैं।"
दर्शित थोड़ा हैरान होकर बोला,
"सीरियसली? इन्हें बाइक चलानी भी आती है?"
उसकी बात पर युगांश हँसते हुए बोला,
"तू पागल हो गया है क्या? ऐसा रिएक्शन दे रहा है जैसे पहली बार किसी लड़की को बाइक चलाते देखा हो!"
दर्शित थोड़ा झेंप गया और बात संभालते हुए बोला,
"नहीं यार, बस... सोचा नहीं था इनके बारे में। थोड़ी सरप्राइज़िंग लगी बात।"
त्रिवान ने हँसते हुए कहा,
"यहां की लड़कियाँ सिर्फ बाइक ही नहीं, दिल भी हाइजैक कर लेती हैं। आधे लड़के तो इन्हीं के पीछे पड़े रहते हैं!"
ये सुनकर दर्शित का चेहरा थोड़ा गंभीर हो गया।
उसने धीरे से कहा,
"यहां कोई उनके लायक है ही नहीं।"
उधर, अर्निका और बाकी सभी अपनी-अपनी बाइक तक पहुँच चुके थे। इनाया ने अपनी बाइक स्टार्ट करते हुए बिहानी की तरफ देखा और बोली,
"चलो आज तुझे एक मस्त राइड पर ले चलती हूं! हवा से बातें करेंगे!"
बिहानी हँसते हुए बोली,
"तू उड़ाने के चक्कर में कहीं गिरा मत देना, वरना मैं तेरी बाइक से ही भाग जाऊंगी!"
अर्निका मुस्कुरा कर बोली,
"बिलकुल सही कह रही है बिहानी, इसकी तो कोई गारंटी नहीं। कहीं उड़ते-उड़ते नींद में ना चली जाए… सनकी है पूरी!"
इनाया झूठमूठ गुस्सा होते हुए बोली,
"अरे कुकी! हां मुझे सोना पसंद है पर हर वक्त थोड़ी ना सोती हूं!"
इधर, दर्शित एकटक इनाया को देख रहा था। युगांश ने ये नोटिस कर लिया और उसके कंधे पर हल्का सा धक्का देते हुए बोला,
"क्या देख रहा है? जिसे तू देख रहा है, वो तुझे देखे ये मुमकिन नहीं। तेरी दाल वहां नहीं गलने वाली!"
दर्शित थोड़ा झल्लाकर बोला,
"क्या बकवास कर रहा है तू? मैं और वो? बंदरिया जैसी है वो… दूर ही भली!"
फिर वो सीधा उनके पास जाने लगा। युगांश और बाकी दोस्त भी उसके पीछे चल पड़े।
दर्शित पास जाकर अर्निका को देखकर बोला,
"हाय, तुम लोग कहीं जा रहे हो या सीधा घर की ओर?"
अर्निका कुछ कहने ही वाली थी कि इनाया बीच में बोल पड़ी,
"तुम्हें जानकर क्या करना है?"
दर्शित हल्की मुस्कान के साथ बोला,
"अरे मैडम, पूछने में कोई टैक्स तो नहीं लगता! वैसे भी सोचा पूछ लूं कि तुम वाकई बाइक चलाती हो या बस स्टाइल में खड़ी हो। और हाँ, हेलमेट स्टाइल के लिए नहीं, सेफ्टी के लिए होता है।"
इनाया आंखें घुमाते हुए बोली,
"तुम्हें हर चीज़ में नाक घुसानी ही होती है ना? और मेरी बाइक की चिंता मत करो। अपनी सोचो — बंदरों की लिस्ट में नाम बढ़ता जा रहा है तुम्हारा!"
दर्शित चौंकते हुए बोला,
"तुम फिर से मुझे बंदर कह रही हो?"
इनाया भौंहे चढ़ाते हुए बोली,
"बंदर को बंदर ही बोलूंगी ना!"
दर्शित एक लंबी सांस लेते हुए बोला,
"देखो मैडम, तुम मुझे इतना चिढ़ती क्यों हो? कहीं ऐसा ना हो झगड़ते-झगड़ते दिल ही लगा बैठो!"
इनाया हँसी रोकते हुए बोली,
"ओ हेलो! तुम्हारे जैसे तो हर गली में दो मिलते हैं, समझे!"
अर्निका दोनों को रोकते हुए बोली,
"अरे, तुम दोनों छोटे बच्चों की तरह क्यों झगड़ रहे हो? शांत हो जाओ!"
फिर उसने दर्शित की तरफ देखा और बोला,
"हम लोग प्लान बना रहे थे कि क्लास के बाद जुहू बीच जाएंगे, इसलिए वहीं जा रहे हैं।"
तभी युगांश बोला,
"क्या हम भी चल सकते हैं तुम लोगों के साथ?"
इनाया अर्निका की तरफ देख कर सिर हिलाती है, मानो कह रही हो, "नहीं"।
फिर दर्शित बोला,
"अगर हम लोग तुम्हारे साथ जाने से कोई परेशानी होगी तो ठीक है, हम नहीं जाएंगे। हम भी फ्री थे, सोचा कहीं बाहर चलें, लेकिन कोई बात नहीं।"
युगांश ने ये सुना और बोला,
"कोई बात नहीं, कल मिलते हैं। तुम लोग अपनी शाम एन्जॉय करो।"
अर्निका मुस्कुराते हुए बोली,
"ऐसी कोई बात नहीं, तुम लोग भी हमारे साथ चल सकते हो!"
यह सुनकर दर्शित के होठों पर हल्की मुस्कान आई, जिसे उसने जल्द ही छिपा लिया। लेकिन युगांश ने यह देख लिया।
दर्शित बोला,
"नहीं अर्निका, शायद किसी को अच्छा नहीं लगेगा अगर हम लोग भी आ जाएं।"
अर्निका बोली,
"नहीं, किसी को बुरा नहीं लगेगा। चलो, चलते हैं!"
तभी अंसुल और युवराज भी अपनी बाइक लेकर आ गए।
अर्निका बोली,
"तुम लोग कैसे आओगे?"
युगांश बोला,
"मैं कार से आया हूं, और दर्शित भी तो कार से आया है। हम अपनी-अपनी कार से आ सकते हैं, तुम लोग हमसे पीछे-पीछे आना।"
अर्निका ने मुस्कु