MAHAASHAKTI - 14 in Hindi Mythological Stories by Mehul Pasaya books and stories PDF | महाशक्ति - 14

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महाशक्ति - 14

महाशक्ति – एपिसोड 14


रहस्यमयी जंगल और अर्जुन की तलाश


रात का समय था, और जंगल पूरी तरह से अंधेरे में डूब चुका था। अर्जुन की बेचैनी बढ़ती जा रही थी। अनाया की खोज में वह पेड़ों की शाखाओं और लताओं का सहारा लेकर नीचे उतरता गया। उसके मन में एक ही सवाल था— "अनाया कहाँ है?"


उसके हाथों में जलता हुआ मशाल था, जो हल्की रोशनी फैला रहा था। अचानक, उसे ज़मीन पर खून के छींटे दिखाई दिए। अर्जुन का दिल तेज़ी से धड़कने लगा। उसने अपना मशाल नीचे किया और देखा कि खून की कुछ बूँदें सूखे पत्तों पर गिरी हुई थीं।


"ये अनाया का खून है!"


अर्जुन के चेहरे पर चिंता की लकीरें गहरी हो गईं। वह खून की बूंदों का पीछा करते हुए आगे बढ़ा, लेकिन तभी उसे झाड़ियों में हलचल महसूस हुई।


"कौन है वहाँ?" अर्जुन ने गरजती आवाज़ में पूछा।


कोई जवाब नहीं आया, लेकिन झाड़ियों में हल्का-सा कंपन जारी रहा। अर्जुन ने तलवार खींच ली और धीरे-धीरे उस दिशा में बढ़ा।


रहस्यमयी व्यक्ति और अनाया की हालत


उधर, रहस्यमयी व्यक्ति ने अनाया को एक गुफा में लाकर लिटा दिया था। वह अब भी बेहोश थी, और उसके शरीर पर गहरे घाव थे।


"हम्म... तो यह वही कन्या है, जिसके भाग्य में कुछ बड़ा लिखा है।"


वह व्यक्ति अनाया के माथे पर हाथ रखता है और कुछ बुदबुदाता है। अचानक, उसकी उंगलियों से हल्की नीली रोशनी निकलती है, जिससे अनाया की धड़कनें तेज़ हो जाती हैं।


उसकी साँसे सामान्य होने लगती हैं, लेकिन वह अब भी अचेत थी।


"जल्द ही, तुम्हारी किस्मत का खेल शुरू होने वाला है। लेकिन पहले मुझे अर्जुन को रोकना होगा।"


अर्जुन और रहस्यमयी शक्ति का आमना-सामना


अर्जुन खून के निशानों का पीछा करते हुए एक पुराने खंडहर के पास पहुँचा। यहाँ आकर खून के निशान रुक गए थे।


"यही जगह होनी चाहिए, लेकिन अनाया कहाँ है?"


तभी अचानक, हवा में एक अजीब सी गूँज उठी। अर्जुन ने तलवार कसकर पकड़ ली। उसकी आँखें सतर्क थीं।


"बहुत जल्दी में हो, अर्जुन?"


एक गहरी, रहस्यमयी आवाज़ हवा में गूँजी। अर्जुन ने तुरंत तलवार घुमा दी, लेकिन सामने कोई नहीं था।


"कौन हो तुम? सामने आओ!" अर्जुन ने चुनौती दी।


तभी, अंधेरे से वही रहस्यमयी व्यक्ति बाहर आया। उसकी आँखों में अजीब-सी चमक थी।


"मुझे जानने की जरूरत नहीं, अर्जुन। लेकिन तुम्हें यह समझना चाहिए कि अनाया अब तुम्हारे पास नहीं लौटेगी।"


अर्जुन का गुस्सा बढ़ गया। "अनाया कहाँ है?!"


वह व्यक्ति मुस्कुराया। "वह वहीं है जहाँ उसे होना चाहिए—अपनी नियति की ओर बढ़ती हुई।"


तलवारों की टकराहट और जंगल की गूँज


अर्जुन को समझ आ चुका था कि यह व्यक्ति कोई साधारण इंसान नहीं है। उसने बिना देर किए तलवार से वार किया, लेकिन रहस्यमयी व्यक्ति बड़ी आसानी से बच गया।


"हाहाहा... अर्जुन, तुम इतने कमजोर वार करोगे तो अनाया को कभी नहीं बचा पाओगे!"


यह सुनते ही अर्जुन और ज्यादा क्रोधित हो गया। उसने पूरी ताकत से तलवार चलाई, लेकिन वह व्यक्ति रहस्यमयी शक्ति का उपयोग करके गायब हो गया और कुछ ही क्षणों बाद अर्जुन के पीछे आकर खड़ा हो गया।


"तुम्हें बचाने की नहीं, बल्कि अपनी शक्ति को पहचानने की जरूरत है!"


अर्जुन ने तेजी से पलटकर वार किया, लेकिन उस व्यक्ति ने केवल हाथ बढ़ाकर उसकी तलवार रोक ली। अर्जुन को एक झटका लगा— "कैसे...?"


"तुम अभी इस युद्ध के लिए तैयार नहीं हो, अर्जुन।"


इतना कहते ही वह व्यक्ति अर्जुन को एक झटके में दूर फेंक देता है। अर्जुन एक पेड़ से टकराकर ज़मीन पर गिर पड़ता है।


अनाया की हल्की चेतना और अज्ञात भय


इधर गुफा में, अनाया की पलकें हल्की-हल्की हिलने लगीं। उसकी साँसे अब सामान्य हो रही थीं, लेकिन शरीर अभी भी बेहद कमजोर था।


उसने मुश्किल से अपनी आँखें खोलीं और अंधेरे को देखा। उसे कुछ समझ नहीं आ रहा था कि वह कहाँ है।


"अ... अर्जुन...?"


उसके होठों से धीमी आवाज़ निकली।


अगला कदम और रहस्य का पर्दा


अर्जुन ज़मीन से उठकर वापस उस व्यक्ति की ओर देखने लगा। उसकी आँखों में नफरत थी।


"मैं अनाया को लेकर ही जाऊँगा!"


रहस्यमयी व्यक्ति मुस्कुराया।


"यह तो वक़्त बताएगा, अर्जुन।"


इतना कहकर वह अचानक हवा में विलीन हो गया, और अर्जुन अकेला खड़ा रह गया।


(जारी रहेगा...)



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अब अगले एपिसोड में अनाया की जागृति और अर्जुन की नई परीक्षा सामने आएगी।