मनोहर कविता बच्चों के लिए
सूरज मामा सुबह है निकले
ठंडी में स्नान को
चलो बच्चों हम स्नान कर लें
ठंडी हवा पहचान को
उसके बाद करेंगे मस्ती
अच्छी धूप जान को
सूरज मामा सुबह निकल
ठंडी में स्नान को
उसके बाद मम्मी और दादी के हाथों की मिस्टी खाएं
उसके बाद दादा जी के साथ बाजार की सब मिठाई खाएं
सूरज मामा सुबह निकल ठंडी में स्नान को