जब तुम दिखे थे पहली बार
वो पहली नज़र, वो पहली बात,
जैसे रुक गया पूरा जहान।
दिल ने कहा कुछ भी न कहो,
बस रहो पास, यही है अरमान।
हर मुस्कान में तेरी झलक दिखी,
हर खामोशी में तेरी आवाज़ गूंजती रही।
वो पल, जब हमारी निगाहें मिलीं,
जैसे रूह भी समझ गई दिल की दास्तान।
कितनी अनकही बातें रह गईं होंगी,
पर हर एहसास ने अपनी जगह बना ली।
जब तुम दिखे थे पहली बार,
तो ज़िंदगी ने धीरे-धीरे हमें अपना लिया।