क्यों?
पूछती रहती हूं मैं अपने आप से इस शब्द का महत्व,
क्या कभी गौर किया आपने कितना जरूरी है यह जीवन के लिए।
एक यह शब्द ही काफी है,
अपनी हर एक भावना जाहिर करने के लिए।
वेदना ओं में भी आपका साथ देगा,
प्यार में भी मुस्कान बनकर आएगा।
शब्द एक है लेकिन मतलब अनेक निकलते हैं,
जिसके साथ जुड़ जाए पूरे वाक्य का मतलब उस से बदलता है।
एक मामूली सा शब्द वह नजर आता है,
लेकिन किसी के लिए सुख, तो किसी का दुख साथ लाता हैं।
कभी ना कभी हर कोई अपने आप से पूछता है।
क्यों आखिर क्यों मेरे साथ होता है।