1... ख़्वाब ही ख़्वाब कब तलक देखूं ||
काश तुझको भी एक झलक देखूं ||
2...इन आंखों में नजाने कितने ख़्वाब है ||
अरेजनाब हमारे भी है, और आपके के भी ||
3...कुछ ख़्वाब थे, जो रात भर ||
आने को अडे रहे ||
मैने भी नींद नहीं ली ||
और वो भी रात को सोने नहीं दिए ||