कुछ चीजें जिंदगी में कमाल का सबक दे देती है। मेरे एक्सिडेंट को लगभग 3 महीने हो गए... क्लेविकल बोन में फ्रैक्चर था तो अभी भी मेरे राइट हैंड में मूवमेंट नहीं लौटा है...वो मुझे अपने लेफ्ट हैंड से कुछ वजनी लगने लगा है...उससे कुछ भी काम नहीं हो पा रहा अगर थोड़ा सा हाथ इधर उधर करना हो तो भी दूसरे हाथ का सहारा लेके या दूसरे हाथ से पकड़ कर उसमें कुछ मूवमेंट हो पाता है...जो हाथ मेरे लिए इतना इंपॉर्टेंट था बचपन से लेके अभी 3 महीने पहले तक जिस हाथ की तारीफ करते मैं नहीं थकती थी वो हाथ अब बोझ सा लगने लगा है...क्योंकि राइट हैंड मेरे लिए अवेलेबल नहीं है तो मैंने लेफ्ट वाले से सारे काम करना सिख लिया है...3 महीने हो गए मैने राइट हैंड से खाना नहीं खाया और भी छोटे मोटे काम में लेफ्ट वाले से कर लेती हूं...हां लिखने के लिए मुझे अभी भी राइट हैंड की ही जरूरत पड़ती है...
बस यही फर्क है...जिंदगी में बस इतना ही समझ आया कि हमारे लिए हर चीज बस तब तक जरूरी है जब तक वो हमारे काम आ रही है वरना हम दूसरे ऑप्शन ढूंढ लेते है... और काम खत्म होते ही चीज़ें बोझ बन जाया करती है...बस राइट हैंड जितना वैल्यूएबल बनना है ताकि हर हाल में लिखने के लिए तो उसकी जरूरत पड़े ही पड़े।।।😌