प्यार क्या है? ये कोई सवाल नहीं,
ये तो दिल की एक खामोश हलचल है कहीं।
ना आँधियों सा गरजता है, ना लहरों सा मचलता है,
ये तो वो एहसास है, जो चुपचाप हर साँस में पलता है।
प्यार वो है जो बिना कहे सब समझ जाए,
तेरी आँखों की नमी देख के, खुद भी भीग जाए।
तेरे दर्द को अपनी रूह में समेट ले,
तेरे बिना भी, तुझमें ही हर पल जिए।
प्यार वो है जो वक्त के साथ ना मिटे,
जो दूरी में भी पास हो, और खामोशी में भी बात हो।
जो हर टूटी चीज को जोड़ दे,
और हर ग़लती को माफ़ कर, फिर से प्यार से मोड़ दे।
ये कोई ख़्वाब नहीं जो रातों में टूट जाए,
ये वो रिश्ता है जो रूहों से जुड़ जाए।
जिसमें न स्वार्थ हो, न कोई मोल हो,
बस एक दूजे के लिए बेइंतहां अनमोल हो।
प्यार वो है...
जो खुद को भुला कर तुझे याद रखे,
तेरे एक मुस्कान के लिए सारी दुनिया छोड़ दे।
जो तुझमें खुद को देखे और कहे...
"अगर तू है... तो सब कुछ है..."